Kalki 2898 AD में क्या महाभारत से जुड़ी हैं, छेड़छाड़?
हेलो दोस्तो, इस पोस्ट में हम आपको Kalki 2898 AD इस मूवी के बारे में कुछ फैक्ट बताने वाले हैं। और इस मूवी के एक स्पेसिफिक Scene के बारे में भी जानने वाले हैं।
यह Scene काफी फेमस भी है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण जी अश्वत्थामा के माथे से खुद मणि निकाल लेते हैं |
क्या सच में अश्वत्थामा के माथे से श्री कृष्ण जी ने मणि निकला था ?
या फिल्म में क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर एक अलग कहानी का उसे हुआ है |
जानेंगे इस पोस्ट में सो आखिर तक यह पोस्ट जरूर पढ़ना ।
KALKI 2898 AD की Collection
ऐसी मूवी शायद ही इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बनी होगी ! इसके ओवरऑल VFX और एक्शन की बात करें तो कमाल है !
उनसे दिन में KALKI 2898 AD इस मूवी ने सिर्फ भारत में 580 करोड़ कमाए हैं, और वर्ल्ड वाइड कलेक्शन की बात करें तो यह 1000 करोड़ की ऊपर चला गया है।
इसका बड़ा श्रेय अमिताभ जी बच्चन की तरफ जाता है जिन्होंने अश्वत्थामा का रोल निभाया है और उनके एक्टिंग से फिर से एक बार ताबड़तोड़ मूवी ने कमाई भी की है।
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KALKI 2898 AD का वो Scene
अब आते हैं उसे फेमस Scene की तरफ जहां पर मूवी में टेक्नोलॉजी का उसे किया है और अमिताभ जी का DeAging वर्जन में अश्वत्थामा के रोल में भगवान श्री कृष्ण जी खुदउनके माथे से मणि निकले थेयह देखने में भी काफी अजीब लगता है, क्योंकि जैसे हम बीआर चोपड़ा जी की महाभारत सीरियल देखते हैं, जो कि आज के जमाने में हिस्टोरिकके हिसाब सेकाफी एक्यूरेट मानी जाती है|
और बात करें व्यास द्वारा रचित महाकाव्य सांपतिका पर्व के बारे में तो उसमें काफी अलग वर्णन मिलता है |
- महाभारत में अश्वत्थामा ने अपने मणि का उपयोग करकेकई बार पांडवों के ऊपर विजय प्राप्त करने में काफी सहायता की है, उन्होंने अभिमन्यु, घटोत्कच और द्रौपदी के पुत्रों एवं कई महान योद्धा को मारने के लिए उसे मणि का उपयोग किया है|
- ऐसे नरसंहार से पांडव क्रोधित हो जाते हैं और युधिष्ठिर अश्वत्थामा को मृत्यु देने का आदेश देता है, लेकिन यहां परभगवान श्री कृष्ण जी का हस्तक्षेप हो जाता है, और वह अपना दंड (श्राप देते) सुनते हैं|
भगवान श्री कृष्ण जी का दंड
- भगवान श्री कृष्ण जी ने अश्वत्थामा को क्षमा करने के बदले उनसे उनकी मणि छिनने का फैसला किया |
- उन्होंने अर्जुन को आदेश दिया की वो जाकर अश्वत्थामा के मस्तक से मणि निकाल ले |
अर्जुन का कार्य
- अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण के आदेश का पालन करते हुए अश्वत्थामा के मस्तक से मणि निकाल लिया |
- इसके परिणाम से अश्वत्थामा अपनी अमर था और अजय था खो बैठे थे |
भगवान श्री कृष्ण जी का श्राप
- भगवान श्री कृष्ण जी ने अश्वत्थामा को 5000 वर्षों तक पृथ्वी पर भटकने और हर 100 वर्ष में एक बार घावों से त्रस्त होने का श्राप दिया था|
यहाँ पर अश्वत्थामा ने खुद वो मणि उनको निकाल कर दिया था, और फिर इस मणि को गंगा में बहा भी दिया था इसके बाद किसी भी तरीके का इस महीने का रहस्य कहीं पर नहीं मिलते |
और एक दूसरी चीज़ जो काफी अलग लगी जिसमें भगवान श्रीकृष्ण जी खुद कहते हैं कि मुझे अवतार लेने की जगह होगी और तुम मेरा सुरक्षा की आवाज बनोगे ये थोड़ी अलग सी बात हुई क्योंकि जब ओवरऑल महाभारत की ऐसी बात करें, तो उस जगह पर अश्वत्थामा को किसी भी तरह का उ-श्राप या वरदान नहीं मिला था| ऐसा हल्का चेंज स्टोरी में फिल्ममेकर में क्रियेटिव लिबर्टी के नाम पर किया है|
KALKI 2898 AD का Creative Liberty
अपनी एक फिक्शनल कहानी को बनाने के लिए एक फिक्शनल किस्सा बनाकर हमारे ओरिजिनल महाभारत में जोड़ दिया है, और ये काफी हद तक गलत है, क्योंकि इसमें क्रियेटिव लिबर्टी यूज़ करना काफी अलग बात है| लेकिन जब हिस्टोरिकल कहानियों की बात आती है तो हमें कुछ चीजों के लिए काफी ज्यादा स्पेसिफिक रहना जरूरी है क्योंकि दोस्तों हम सभी जानते हैं कि सिनेमा की पावर बहुत बड़ी है| लोग सिनेमा से कई बार हिस्टरी समझने की कोशिश करते हैं हर कोई जाकर पुराने ग्रंथ नहीं पढ़ पाता |
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